जिस देश में हुए हो पैदा
यदि तुम उसके हो भक्त नहीं
माँ का दूध पिया नहीं तुमने
बाप का तुम में है रक्त नहीं
जिहाद के नाम पर अत्याचार
हिन्दुओं का बरबस नरसंघार
किसी दृष्टिकोण से सही नहीं
अत्यंत घिनोंना था ये व्यभिचार
आज़ादी का लगा के बेतुका नारा
क्या मिला तुम्हें इस क़त्लेआम से
कश्मीरी पंडितों की गाथा को देखो
तुम कश्मीर फ़ाइल्ज़ की ज़ुबान से
देश में जो तन्मयता बनी हुई थी
उसको बर्बर तुमने तोड़ दिया है
हिंदू जो निर्भय हो सो रहा था
उसको अब है झिंझोड़ दिया है
हिंदुत्व की रक्षा परमो धर्म है
इसको अब हमने जान लिया
हिंदुत्व परिभाषा की पहचान हुई
हिंदुत्व सर्वोच अब मान लिया
कश्मीरी पंडित जाएँगे सरज़मीं
हिंदुओं ने अब यह प्रण कर लिया
उनको मिलेगा इंसाफ़ यहीं पर
दिल में अब ये निश्चय है घर लिया
मिलकर तस्सवर करें हम सब
कश्मीर अभिन्नअंग है ओ यारा
हिंदी हैं हम- वतन हैं यकीनन
प्यारा सा हिंदुस्तान हमारा
सुनील की कलम से
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Sunil Kapoor |