ज़ुबान

insan ki zuban

इंसान की ज़ुबान भी कैसी अनिष्ट व अजीब शय है
मीठी तो स्वर्ग,कड़वी तो सौ फ़ी सदी नर्क तय है

ये बेहद लचीली , बदमिज़ाज और ख़ुराफ़ाती है
ग़लत राह चले तो रिश्तों में दूरियाँ बड़ा जाती है

जब भी ये ज़ुबान वक़्त बेवक्त बेक़ाबू हो जाए
एक शांतिपूर्ण वातावरण में मानो जंग छिड़ जाए

ज़ुबान द्रौपदी की क्या फिसलीं तो गद्दर मच गया
हज़ारों साल पहले महाभारत का घोर युद्ध रच गया

ज़ुबान पर लगाम होती तो ऐसा दर्दनाक युद्ध न होता
अभिमन्यु की माँ का दिल अतिपिड़ित हो न रोता

कैकयी और मंथरा की ज़ुबान क़हर बन गयी
भगवान राम और राक्षस रावण में समर ठन गयी

ज़ुबान चुन कर करें इस्तेमाल ये घाव दे जाती है
ज़ुबान से न कभी खेलें क्यूँ की ये
तनाव दे जाती है

ज़ुबान की मधुरता ले आती है कलियों पे निखार
ये वात्सल्य और करणपरिएयता का सर्वोत्तम उपहार

ज़ुबान की अहमियत जानिए व प्यार का धागा पिरोईए
मीठी वाणी बोलिए और फिर मुँह ढक्क कर सोईए

सुनील की कलम से

Sunil Kapoor 1 Sunil Kapoor
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