New Delhi: दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल हॉस्पिटल में उस समय सनसनी फैल गई जब देर रात इलाज के लिए पहुंचे एक पत्रकार और उनके दो साथियों पर अस्पताल स्टाफ द्वारा कथित रूप से जानलेवा हमला किया गया। घटना 21 मई की रात लगभग 2:00 बजे की है, जब पत्रकार रूप सिंह गोसाई अपने साथी रिंकू (जो मरीज थे) और शेखर (रणजीत नगर निवासी) के साथ रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे थे।
स्टाफ पर कमरे में बंद कर हमला करने का आरोप
इलाज की उम्मीद में पहुंचे इन तीनों को अस्पताल कर्मियों द्वारा “सनी” नामक स्टाफ मेंबर के बारे में पूछताछ करने पर कथित रूप से एक कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद उन पर जानलेवा हमला किया गया, जिसे ‘अटैम्प्ट टू मर्डर’ की श्रेणी में देखा जा रहा है। घायल पत्रकार और उनके साथियों ने अस्पताल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इस मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है।
अस्पताल में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब इस अस्पताल में इस तरह की हिंसात्मक घटना सामने आई हो। इससे पहले भी एक वकील और पत्रकार के साथ इसी हॉस्पिटल में बदसलूकी और मारपीट की घटनाएं घट चुकी हैं। इसके अलावा यूपीएससी की एक छात्रा के साथ भी अस्पताल स्टाफ द्वारा मारपीट और अभद्र व्यवहार किए जाने की शिकायत सामने आई थी।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, मामले की जांच की मांग
लगातार हो रही इन घटनाओं ने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ितों और उनके परिजनों ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, इस घटना से पत्रकार जगत में भी आक्रोश है और पत्रकार संगठनों ने दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
बार-बार हो रही घटनाओं से अस्पताल की छवि पर सवाल
सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में लगातार सामने आ रहे हमलों और दुर्व्यवहार की घटनाएं अब चिंता का विषय बन गई हैं। कभी पत्रकार, कभी छात्रा और कभी वकील – हर वर्ग के लोग यहां असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन मामलों से साफ है कि अस्पताल के कुछ स्टाफ सदस्यों का व्यवहार न सिर्फ गैर-पेशेवर है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।
प्रशासनिक लापरवाही से नहीं हो रही सख्त कार्रवाई
सबसे गंभीर बात यह है कि इन घटनाओं पर अब तक कोई ठोस या सख्त कदम नहीं उठाया गया है। कई बार पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और मिलीभगत की बातें सामने आई हैं, जिससे दोषियों को मनोबल मिलता है और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता।
स्वास्थ्य मंत्री से सख्त कार्रवाई की अपील
इस स्थिति को देखते हुए आम जनता और पीड़ितों की ओर से दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से अपील की जा रही है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें। दोषी अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कड़ी जांच कर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें और अस्पताल का माहौल फिर से सुरक्षित बन सके।
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Ms. Pooja, |