मन की आवाज कहलाए कलम से – रुकना नहीं थकना नहीं

dont stop dont get tired

रुकना नहीं थकता नहीं
तुझे आगे और चलना है
गिर जाएगा मगर फिर
भी रुकना नहीं
गिर कर उठ जाएगा
मगर फिर भी थकना नहीं
चलो उठो और आगे बढ़ो
मंजिल आपका इंतजार कर रही है
रुकना नहीं थकना नहीं।
है रास्ता थोड़ा कठिन
पर तू रुकना नहीं
अपने सांसों को थाम कर
आगे बढ़ता जा
लेकिन तू थकना नहीं
अगर तु रुका
अगर तु थका
तो तुम्हारी मंजिल पीछे की और छूट जाएगी
रख हौसला मगर
तु रुकना नही
टू थकना नहीं।।

मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।

Rozi 1

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