22 September को मनाया जाता है World Rose Day, जानिए पूरी कहानी

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रोज डे को Day for the Welfare of Cancer Patients के नाम से भी जानते हैं। कैंसर लाइलाज है हम सभी जानते हैं। लेकिन कैंसर के मरीजों के चेहरों पर खुशी लाने के लिए आप उनकी मदद कर सकते हैं। यहां कुछ हैप्‍पीनेस गिफ्ट के बारे में बताया गया है, जो कैंसर मरीज को खुश रखने के लिए काफी हैं।

वर्ल्ड रोज डे

हर साल 22 सितंबर को वर्ल्‍ड रोज डे मनाया जाता है। वैसे रोज डे का नाम सुनकर आपको वैलेंटाइन वीक याद आ गया होगा, लेकिन ये वो नहीं है, जो आप सोच रहे हैं। बहुत कम लोग इस खास दिन के बारे में जानते हैं। दरअसल, यह दिन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए काफी स्‍पेशल होता है। य‍ह दिन बीमारी से हार मानने वाले लोगों को जीने की नई उम्‍मीद देने का है। इस दिन कैंसर पीड़ितों को गुलाब का फूल दिया जाता है। यह तरीका न केवल उनके जीने का हौंसला बढ़ाता है, बल्कि उनके चेहरे पर खुशियां भी लाता है।

12 वर्ष की बच्ची की कहानी

यह दिन 12 वर्षीय कनाडाई कैंसर रोगी मेलिंडा रोज़ की याद में मनाया जाता है, जो कैंसर से पीड़ित थी और 1996 में उसकी मृत्यु हो गयी। World Rose Day का इतिहास 12 साल की एक बच्‍ची से जुड़ा है. 1994 की बात है जब मेलिंडा को ब्‍लड कैंसर हो गया. उस समय कैंसर के इलाज के वो साधन नहीं थे, जो आज मिल जाते हैं. उसकी हालत को देखकर डॉक्‍टर्स ने कहा कि वो मुश्किल से एक हफ्ते ही जी पाएंगी. लेकिन मेलिंडा पर डॉक्‍टर्स की बात का कोई असर नहीं हुआ. उस छोटी सी बच्‍ची ने जीवन जीने की उम्‍मीद नहीं छोड़ी. मेलिंडा की हिम्मत और मजबूत इरादों ने डॉक्‍टरों को गलत साबित कर दिया. अपनी हिम्‍मत के बूते पर मेलिंडा 6 महीनों तक जिंदा रहीं.कहा जाता है कि 22 सितंबर को ही मेलिंडा ने दुनिया को अलविदा कहा. उस बच्‍ची की मौत के बाद उसकी याद में 22 सितंबर को World Rose Day को मनाने की शुरुआत हुई.

इस रोज डे पर करे कुछ खास

कैंसर बेहद खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को बहुत कष्‍ट झेलने पड़ते हैं. न जाने कितने मरीज इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते हैं. Rose Day के दिन कैंसर पेशेंट्स को गुलाब देकर उनके चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास किया जाता है. उन्‍हें इस बीमारी से लड़ने का हौसला दिया जाता है और जीने की नई उम्‍मीद दी जाती है. उन्‍हें ये बताया जाता है कि कैंसर जीवन का अंत नहीं है. उनकी जिंदगी भी गुलाब की तर‍ह फिर से खिल सकती है. अगर आपके आसपास भी कोई कैंसर का पेशेंट है, तो 22 सितंबर के दिन आप उनके लिए कुछ ऐसा जरूर कीजिए, जिससे उनके चेहरे पर मुस्‍कान आ सके.

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