ओणम का महत्व

Why do we celebrate Onam festival

ओणम का महत्व
आज के दिन यानि की गुरुवार 8 सितंबर को ओणम का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है! ओणम का यह पर्व दक्षिण भारत खासतौर पर केरल राज्य में यह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है! यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है! जिसकी शुरुआत इस वर्ष 30 अगस्त से की गई थी! ओणम का उत्सव चिंगम मास में भगवान वामन की 0जयंती एवं राजा बलि के स्वागत me0प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है! यह त्योहार त्रिक्काकरा ( कोच्ची के पास ) केरल के एक मात्र वामन मंदिर से प्रारम्भ होता है! केरल राज्य में ओणम का एक अलग ही महत्व है

* यह पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है
यह त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाता है! इसके प्रथम दिवस को अथम एवं अंतिम दिन को थीरूओणम कहा जाता है! इस त्योहार को हर्षोल्लास से मनाया जाता है! बताया जाता है कि किसान अपनी नए फसल की अच्छी उपज के प्राप्ति के लिए यह त्योहार मनाते हैं! आज के दिन केरल में प्रसिद्ध सर्प नौका दौड़ और कथकली नृत्य का आयोजन किया जाता है!

* राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है यह पर्व
दक्षिण भारत राज्यों में ओणम का यह पर्व महाबली राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है! मान्यता के अनुसार राजा बलि असुराज होने के बावजूद भी वह भगवान विष्णु जी के भक्त थे! इसलिए इस त्योहार की कथा भी विष्णु जी के वामन अवतार से ही संबंधित है! इस त्योहार को मनाने के पीछे तथ्य यह बताया जाता है कि वर्ष में एक बार पाताल लोक से राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने धरती लोक पर आते थे! इसलिए इस दिन वामन अवतार और राजा बलि की पूजा के साथ उनका स्वागत बड़े ही धूमधाम से किया जाता है

Pooja Kumari Ms. Pooja,
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