New Delhi. 90 के दशक के 13वें नौसेना प्रमुख एडमिरल लक्ष्मीदास नारायण जिन्होंने देश की सेवा में लगभग अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, का आज तड़के सुबह क़रीब 6.20 मिनट में मिलिट्री हॉस्पिटल, सिकंदराबाद में ईलाज के दौरान स्वर्गवास हो गया। अपने जीवन के अंतिम क्षण उन्होंने अपने परिवार के साथ बिताया और इस दौरान उनके परिवार जन उनका प्रिय गीत गाते रहें जब तक कि एडमिरल लक्ष्मीदास नारायण अपने सम्पूर्ण परिवार को अलविदा ना कह गये।
जीवन की शुरुआत और परिवार-
रामदास का जन्म 5 सितंबर 1933 को एक तेलगू परिवार में हुआ था, वही उनका विवाह ललिता रामदास से हुआ, बता दें कि रामदास की धर्मपत्नी ललिता रामदास पहले भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास कटारी की बेटी थीं ।साथ ही साथ बता दें कि रामदास आम आदमी पार्टी के सदस्य रहे हैं। रामदास की छोटी बेटी, कविता रामदास फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष की वरिष्ठ सलाहकार हैं और पहले कई वर्षों तक भारत में फोर्ड फाउंडेशन के देश प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुकी हैं। कविता रामदास की शादी एक पाकिस्तानी नागरिक ज़ुल्फ़िकार अहमद से हुई है, जो एक शांति कार्यकर्ता हैं।
1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में दिया अमूल्य योगदान-
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान , नवगठित पूर्वी बेड़े के हिस्से के रूप में, आईएनएस ब्यास की कमान में रहते हुए एडमिरल रामदास ने पूर्वी पाकिस्तान की सबसे प्रभावी नौसैनिक नाकाबंदी में भाग लिया, जिसने अपने 93,000 सैनिकों को निकालने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया, और उन्हें घुटने के बल पर ला भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया, बता दें कि उन्हें तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया हैं।
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Ms. Muskan Sahu, |