New Delhi: थिएटर में मूवी देखते समय पॉपकॉर्न का आनंद लेना हर किसी की पसंद है, लेकिन अब यह मजा आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। राजस्थान के जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर नए टैक्स स्लैब लागू करने का फैसला लिया गया। फ्लेवर के अनुसार पॉपकॉर्न को विभिन्न जीएसटी श्रेणियों में रखा गया है, जिससे अब इसके दाम बढ़ सकते हैं।
तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब में बंटा पॉपकॉर्न
बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पॉपकॉर्न पर तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू करने की घोषणा की। साधारण नमक और मसाले वाले अनपैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा। वहीं, अगर वही पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड होगा, तो इस पर टैक्स बढ़कर 12% हो जाएगा। इसके अलावा, चीनी या कारमेल फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न को ‘चीनी कन्फेक्शनरी’ की श्रेणी में रखते हुए 18% जीएसटी के दायरे में लाया गया है।
फ्लेवर के साथ बढ़ेगी कीमत
जीएसटी काउंसिल ने स्पष्ट किया कि यह टैक्स पहले से मौजूद था, लेकिन अब इसे व्यवस्थित रूप से लागू किया गया है। रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न, जो आमतौर पर थिएटर और बाजार में उपलब्ध होता है, अब फ्लेवर और पैकेजिंग के आधार पर महंगा हो सकता है। चीनी और मसालेदार पॉपकॉर्न जैसे फ्लेवर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
सरकार का बयान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय पॉपकॉर्न के टैक्सेशन को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। “जैसा है जहां है” के सिद्धांत पर आधारित यह बदलाव उद्योग को स्पष्टता देने के लिए लागू किया गया है। यह फैसला पॉपकॉर्न के बाजार को प्रभावित कर सकता है, लेकिन उपभोक्ताओं को अब अपनी पसंद का स्वाद चुनने से पहले कीमत का भी ध्यान रखना होगा।
Telegram Link :
For latest news, first Hand written articles & trending news join Saachibaat telegram group
https://t.me/joinchat/llGA9DGZF9xmMDc1
Ms. Pooja, |