NEW DELHI. भारतीय सड़कों की समस्या को नया हल मिल सकता है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सड़कों के गड्ढे खुद भर सकते हैं। यह नई प्रौद्योगिकी देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और लंबे समय तक सस्ते रख सकती है। इस तकनीक का नाम है “स्व-भरने वाली सड़क”। इसमें विशेष संवेदनशील सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, जो सड़क के गड्ढों को भरने में सक्षम होती है। यह सामग्री सड़क के सतह पर डाली जाती है और फिर से जमने में मदद करती है। इस प्रक्रिया को स्व-संतुलित होने की तकनीक कहा जाता है, क्योंकि यह सड़क के गड्ढों को स्वतः ही भर देती है।
तकनीक से है काफी फायदे
इस तकनीक के फायदे अनेक हैं। पहले, यह रोड की लंबी उम्र को बढ़ावा देता है क्योंकि गड्ढे अब बार-बार नहीं बनते। दूसरे, इससे सड़कों पर यातायात का सुचारू फ्लो बना रहता है, जिससे दुर्घटनाओं का कम होने की संभावना होती है। तीसरे, यह तकनीक पर्यावरण के लिए भी अच्छी है क्योंकि इसमें नुकसानकारक रासायनिक पदार्थों का उपयोग नहीं होता है।
विभिन्न संस्थानों में होता है अनुसंधान
इस तकनीक का अध्ययन और विकास विभिन्न अनुसंधान संस्थानों में हो रहा है। सरकार को इस प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए अधिक संवेदनशील और सक्रिय बनने की जरूरत है। साथ ही, लोगों को भी इस तकनीक के बारे में जानकारी देने की आवश्यकता है ताकि वे इसका सही इस्तेमाल कर सकें।
भारत बढ़ाएगा सड़को के स्तर को
इस तकनीक का उपयोग करके, भारत सड़कों के स्तर को बढ़ा सकता है और यातायात को सुरक्षित और आसान बना सकता है। अगले कुछ वर्षों में, हम शायद एक नई भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ नए दौर की शुरुआत करें।
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