🇮🇳 FACTS ABOUT BHARAT 🇮🇳
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PUDUCHERRY : The original name of the territory, Putucceri, is derived from the Tamil words putu (“new”) and ceri (“village”). The French made this to Pondichéry (English: Pondicherry), by which it was called until its name was officially changed to Puducherry in 2006.
In 1674 the Governor of “La Compagnie française des Indes orientales” (French East India Company) François Martin, set up a trading centre at Pondicherry and this outpost eventually became the chief French settlement in India.
🛕 VEDIK GYAN
A Yuga Cycle, it is a cyclic age (epoch) in Hindu cosmology. Each cycle lasts for 4,320,000 years (12,000 divine years) and repeats four yugas (world ages):
Krita (Satya) Yuga,
Treta Yuga,
Dvapara Yuga, and
There are 71 Yuga Cycles in a manvantara (age of Manu) and 1,000 Yuga Cycles in a kalpa (day of Brahma).
अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् ।
adhanasya kuto mitram, amitrasya kutaḥ sukham ||
No effort
then, No knowledge
then, No money
then, No friend
then, No joy :
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अकर्तव्यं न कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि ।
कर्तव्यमेव कर्तव्यं प्राणैः कण्ठगतैरपि ॥ –
akartavyaṃ na kartavyaṃ prāṇaiḥ kaṇṭhagatairapi ।
kartavyamēva kartavyaṃ prāṇaiḥ kaṇṭhagatairapi ॥
Meaning : Whatever is not right to be done, must never be done even on pain of death; and what is right to do, must be done even if one should die for the same.
भावार्थ : जो कार्य निषिद्ध है, उसे प्राण कण्ठगत (मृत्यु संकट उपस्थित होने की स्थिति) पर भी नहीं करना चाहिये। जो कर्तव्य है, उसे अपने प्राण की परवाह न करते हुये भी अवश्य करना चाहिये
Terrace: आलिन्द:
Terrace is beautiful
आज का पंचांग
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११ – मार्च – २०२४
दिन – सोमवार
संम्वत् – २०८०
युगाब्द – ५१२५
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रतिपदा
नक्षत्र – उत्तराभाद्रपदा
योग – शुभ
करण – बव बालव
सूर्योदय – ६:३४ सूर्यास्त – ६:२४
राहु काल ७:३० से ९:०० बजे तक सायं काल।
🌹।। सुभाषित।। 🌹
सुबुद्धयो विनश्यन्ति दुष्टदैवेन नाशिताः।
स्वल्पधीरपि तस्मिन्स्तु कुले नन्दति सततम्।।
अर्थात् – मनुष्य का भाग्य प्रतिकूल होता है वह चाहे जितना बुद्धिमान एवं विवेकशील हो उसका जीवन कष्टप्रद रहता ही है और उसे नाना प्रकार की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, किन्तु जिसका भाग्य अनुकूल होता है वह नीच कर्म और मूर्खतापूर्ण आचरण करने के उपरान्त भी सतत आनन्द को प्राप्त करता रहता है।
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पाणिनि गुरुकुल
ग्रेटर नोएडा
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