50% छात्रों को जोड़-घटाव नहीं आता, जानें देश में शिक्षा की क्या है दशा, चिल्ड्रन का मतलब – डॉग

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी ASER

NEW DELHI. हाल ही में रिलीज हुई एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी ASER की रिपोर्ट आप देखकर दंग रह जाएंगे। बता दें कि इस बार ASER 2023 का सर्वे देश के 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया है। जिसमें 34,745 छात्र शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के आधे से ज्यादा युवा सामान्य जोड़-घटाव भी नहीं जानते। हद तो तब हो गई जब पता चला कि इनमें से 91% छात्रों के पास अपना खुद का मोबाइल फोन है। लेकिन उनमें से एक तिहाई छात्र अलार्म भी नहीं लगाना जानते।

एक चौथाई छात्र दूसरी कक्षा की किताबें भी नहीं पढ़ पाते
रिपोर्ट की मानें तो देश में 14 से 18 साल की उम्र वाले एक चौथाई छात्र दूसरी कक्षा की किताबों को भी ठीक से नहीं पढ़ पाते।
यहां तक कि 12वीं में पढ़ने वाले हर 5वें छात्र ऐसे हैं, जिन्हें पता ही नहीं है कि 12वीं के बाद उन्हें आगे क्या करना है। अधिकतर छात्रों की पहली पसंद पुलिस में जाना है। इसके बाद टीचर और डॉक्टर का पेशा है, जिसके लिए केवल 11-11% छात्र ही अभी तैयार हैं। ये सर्वे प्रत्येक वर्ष किया जाता है। पिछले साल ये देश के 26 जिलों में किया गया था।

चौथी कक्षा के छात्रों को 7,8 का पहाड़ा भी नहीं आता
बता दें कि राजभवन के ठीक पीछे रोशनपुरा बस्ती में जब एक सरकारी स्कूल का जायजा लिया गया। तो पता चला कि यहां पहली से पांचवी तक के छात्रों की क्लास एक साथ ही ली जाती है। जानकारी के मुताबिक पिछले तीन सालों से यही हालात बने हुए हैं। जब छात्र-छात्रों से बातचीत की गई तो पता चला कि देश में शिक्षा का हाल कितना बुरा है। मसलन यहां चौथी कक्षा के छात्रों को 7,8 का पहाड़ा तक नहीं आता। ना ही अंग्रेजी में हफ्तों के नाम पूरी तरह से पता हैं। यहां तक ये छात्र अंग्रेजी में अपना मामूली परिचय भी नहीं देना जानते।

पिछले तीन सालों से हालात में कोई सुधार नहीं
शिक्षा के हालात के बारे में जब राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग के मंत्री राव उदय प्रताप से बातचीत की गई, तो उन्होंने जवाब दिया कि हम लगातार इस पर बैठकें कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हालात में कुछ सुधार हों। लेकिन पिछले तीन सालों से तो हालात में किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं आया। ये आंकड़े आपको एमपी में शिक्षा का हाल बयां करने के लिए काफी है। आपको बता दें कि राज्य के 8307 स्कूल केवल 1 शिक्षक के सहारे चलाए जा रहे हैं।
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Pooja Kumari Ms. Pooja,
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