नीरज या नदीम: सवाल 90 पार का है !

neeraj or nadeem

राजेंद्र सजवान
ओलम्पिक चैम्पियन, वर्ल्ड चैम्पियन और लगभग सभी बड़े खिताब धारी भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा अपनी स्पर्धा के सभी खिताबों पर भाला गाड़ चुके हैं। अब उनका सपना पेरिस ओलम्पिक गेम्स में पिछली कामयाबी को दोहराने और लगातार दूसरी बार ओलम्पिक गोल्ड जीतने वाला पहला भारतीय एथलीट बनने का है। बेशक, भारतवासियों और एथलेटिक्स प्रेमियों की नजरें उन पर टिकी हुई हैं। हालांकि एथलेटिक्स सहित अन्य कुछ खेलों में भारतीय खिलाड़ियों से उम्मीद की जा रही है। लेकिन नीरज का नाम हर एक की जुबान पर है। वो पाकिस्तानी भी जब तब नीरज की तारीफ कर देता है, जो कि पेरिस में उसके बड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में मौजूद रहेगा।
खुद नीरज कहते हैं कि नदीम के साथ उनकी अच्छी छनती है। इसी प्रकार नदीम भी जब तब कहता है कि नीरज उनका दोस्त है और ओलम्पिक गोल्ड एशिया में ही रहेगा। सीधा सा मतलब है कि नीरज के लिए उनका पड़ोसी मित्र बाधा हो सकता है। हालांकि अभी नदीम ने नीरज को हराकर कोई बड़ा खिताब अपने नाम नहीं किया है लेकिन उसके पक्ष में एक बड़ी बात यह जाती है कि वह 90 मीटर तक भाला फेंक चुका है।
फिलहाल भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन (एएफआई) द्वारा 28 सदस्यीय दल की घोषणा की जा चुकी है, जिसका नेतृत्व नीरज करेंगे। एशियाई खेलों की गोल्ड विजेता अन्नू रानी महिला जेवलिन थ्रो स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। नीरज और अन्नू के अलावा तीन हजार मीटर के एथलीट अविनाश साबले, शॉट पुटर तेजिंदर पाल सिंह तूर, 4X400 मीटर की पुरुष रिले टीम, तीन व पांच हजार स्टीपल चेज दौड़ने वाली रनर पारुल चौधरी से भी बेहतर करने की उम्मीद की जा रही है। इन नामों में एक किशोर जेना भी है, जो कि सधे कदमों से नीरज चोपड़ा का अनुसरण कर रहा है। लेकिन कुछ अन्य यूरोपीय थ्रोअरों के अलावा अरशद नदीम भारतीय स्टार नीरज को लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। वह टोक्यो के बाद साल भर तक चोटिल रहा लेकिन पेरिस के लिए तैयार बताया जा रहा है।
नदीम 90.18 मीटर तक भाला फेंक चुका है। वह नीरज के साथ भाई और अच्छे पड़ोसी जैसा रिश्ता रखता है। एथलेटिक्स मंच पर वह कई बार अपने रिकॉर्ड को सुधारने, नया ओलम्पिक रिकॉर्ड बनाने और गोल्ड जीतने का दावा करता है। लेकिन उसने यह कभी नहीं कहा कि वो नीरज को हराने जा रहा है। बेशक, दोनों के बीच शालीनता और विनम्रता वाला रिश्ता है। दोनों ही गजब के थ्रोअर हैं और अपने देश के लिए गोल्ड जीतना चाहते हैं। देखना यह होगा कि मुकाबला 90 पार का होगा और क्या नीरज अपना ओलम्पिक गोल्ड बरकरार रख पाएंगे? कुछ यूरोपियन थ्रोअर भी हैरान कर सकते हैं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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