NEW DELHI. विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि कांग्रेस के राज में चीन ने कई इलाकों पर कब्जा किया है। उन्होंने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने भारतीय राजनीति को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
करना पड़ा समस्याओं का सामना
जयशंकर ने कहा कि चीन के आक्रमण के कारण भारत को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। वहां उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा और स्वायत्तता की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
कांग्रेस ने दी अपनी प्रतिक्रिया
जयशंकर के बयान के बाद, कांग्रेस ने उनके खिलाफ तीखी आपत्तिजनक प्रतिक्रिया दी। पार्टी के उच्च स्तरीय नेता ने कहा कि जयशंकर का बयान अफवाहों पर आधारित है और उनकी राजनीतिक सोच को दिखाता है।
राहुल गांधी ने भी की बयानबाजी
इस बीच, राहुल गांधी ने भारतीय सरकार को चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन के आक्रमण का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और देश को एकजुट होकर काम करना चाहिए।इस बयान के पहले, जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध मजबूत हैं, लेकिन चीन के आक्रमण का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।कुछ दिन पहले, भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन के साथ झड़प में एक सैनिक की हत्या की थी।
भारत सरकार उठाएगी चीन के खिलाफ बड़ा कदम
इस घटना के बाद, भारतीय सरकार ने चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ अपने सीमा के मामले को लेकर सख्त है और देश की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चीन के साथ बिना युद्ध के संबंध स्थिर रखना महत्वपूर्ण है।जयशंकर के बयान के बाद, राहुल गांधी ने उन्हें चीन के साथ भारत के संबंधों को सामान्यत: दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जयशंकर का बयान असत्य है और उन्हें चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर जानकारी की कमी है।
सरकार ने की असफलता को छुपाने की कोशिश
राहुल गांधी ने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंधों को सामान्यत: दिखाने का मकसद उनकी सरकार के असफलताओं को छुपाना है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति में कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन उन्हें भारतीय सरकार के चीन के साथ के संबंधों को लेकर जवाब देने की मांग की।
विपक्षी दलों ने भी दिया बयान
इस बीच, विपक्षी दलों ने भी जयशंकर के बयान को घेरा। वे कहते हैं कि जयशंकर का बयान असत्य और अफवाहों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार को चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की जरूरत है और वह उसे समर्थन करेंगे।
इस घटना के बाद, भारतीय सरकार ने चीन के साथ अपने संबंधों की समीक्षा की है और उसने चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। इस घटना के बाद, भारत और चीन के बीच दोनों देशों के बीच तनाव में वृद्धि हुई है।
आखिरकार, इस पूरे मामले से साफ है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की स्थिति में बदलाव आया है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है और इसे ठीक करने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत को चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है और उसे सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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