New Delhi. रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के मामले में RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बाद मंगलवार को उनके बेटे तेजस्वी यादव से प्रवर्तन निदेशालय ने घंटों तक पूछताछ की। इस दौरान तेजस्वी पटना में ईडी दफ्तर में 8 घंटे तक सवालों का सामना करते रहे। बता दें कि ईडी ने इस पूरे मामले में तेजस्वी की रही भूमिका को लेकर अलग-अलग सवाल किए और उनके बयान दर्ज किए। इससे पहले सोमवार को लालू यादव से भी ईडी ने 10 घंटे तक पूछताछ की थी। बताया जा रहा है कि ईडी ने लालू से कुल 70 सवाल किए थे। वहीं तेजस्वी से ईडी ने कुल 60 सवाल किए। इस दौरान सामने आया कि ईडी के कई सवालों के जवाब में तेजस्वी का कहना था कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
तोजस्वी से ईडी ने पूछे ये सवाल
इस समय बिहार की राजनीति में लैंड फॉर जॉब मामला काफी चर्चे में है। बता दें कि ईडी ने 2022 में CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की है। जानकारी के मुताबिक पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मंगलवार सुबह 11.35 बजे पटना में ईडी दफ्तर पहुंचे और रात 8 बजे जोनल ऑफिस से बाहर निकले। ईडी ने तेजस्वी से मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े जमीन ट्रांसफर, दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में चार मंजिला मकान, कंपनी के मालिक बनने से संबंधित सवाल किए। वहीं तेजस्वी से कई ऐसे सवाल भी किए गए, जो एक दिन पहले लालू यादव से पूछे गए थे।
इतनी कम उम्र में तेजस्वी कैसे बने करोड़ों के मालिक
बता दें कि ये पूरा घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच का है। उस समय लालू प्रसाद यादव केंद्र की सरकार में रेल मंत्री के पद पर थे और उस समय तेजस्वी की उम्र करीब 15 से 19 वर्ष की रही होगी। ऐसे में एजेंसी ये जानने का प्रयास कर रही थी कि तेजस्वी इतने कम उम्र में करोड़ों रुपए की कंपनी के मालिक कैसे बन गए? साथ ही दिल्ली का चार मंजिला मकान भी तेजस्वी के नाम पर कैसे हो गया? दरअसल, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में स्थित ये मकान मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है और इस कंपनी के कर्ताधर्ता तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्य हैं।
क्या है लैंड फॉर जॉब मामला
जानकारी के मुताबिक 11 अप्रैल 2023 को ईडी ने इसी मामले में तेजस्वी से पूछताछ की थी। उस समय भी उनसे लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की गई थी। उसके बाद ईडी ने तेजस्वी को 22 दिसंबर और 5 जनवरी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। लेकिन उस समय तेजस्वी पेश नहीं हुए थे। उसके बाद तेजस्वी और लालू यादव को 19 जनवरी को ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। लालू यादव पर आरोप है कि जब वो रेल मंत्री थे, तब रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्तियां निकाली गई थीं। बता दें कि लालू पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों से नौकरी के नाम पर जमीनें ली थीं।
जांच एजेंसी ने की लालू से 10 घंटे तक पूछताछ
सूत्रों का कहना है कि मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तेजस्वी यादव के बयान दर्ज किए हैं। इसी मामले में उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सोमवार को 10 घंटे तक पूछताछ की थी। लालू सुबह करीब 11 बजे अपनी बेटी मीसा भारती के साथ ईडी के दफ्तर पहुंचे थे और रात करीब 9 बजे बाहर निकले। हालांकि, लालू ने खुद को निर्दोष बताकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ा था।
ईडी ने मांगे लालू से इन प्रश्नों के जवाब
ईडी ने लालू से कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सवाल पूछे थे। जानकारी के मुताबिक, हर सवाल का जवाब देने में लालू को करीब डेढ़ से दो मिनट लगे। ईडी ने लालू से पूछा- नौकरी देने के बदले कितने लोगों से जमीन ली?
ED ने पटना में मरछिया देवी कॉम्प्लेक्स में फ्लैटों की खरीद-बिक्री को लेकर सवाल पूछा। साथ ही पटना में ली गई 10 हजार 5292 वर्गफुट जमीन को लेकर सवाल पूछा।
दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की प्रॉपर्टी को लेकर सवाल पूछा गया। मेसर्स एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेची गई जमीन के बारे में भी पूछताछ की।
एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को जमीन बेचने वाले के दो भतीजों को रेलवे में नौकरी दी गई थी। अभ्यर्थियों से चार प्लॉट सिर्फ 7.5 लाख रुपए में खरीदे जाने और पूर्व सीएम राबड़ी देवी द्वारा अबू दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचे जाने को लेकर भी सवाल पूछा गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने लालू पर लगाया ये आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी की ‘गौशाला’ के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक एक व्यक्ति से संपत्ति हासिल की और बाद में इसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया। जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत में एक चार्जशीट दायर की है। इसमें कुछ अन्य लोगों के अलावा लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के कथित ‘करीबी सहयोगी’ अमित कात्याल, घोटाले के कथित लाभार्थी और पूर्व ‘गौशाला’ कर्मचारी हृदयानंद चौधरी और दो कंपनी- एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड को उनके साझा निदेशक शारीकुल बारी के माध्यम से नामजद किया गया है।
ईडी ने जब्त किया करोड़ों की नकदी
ईडी ने यह भी कहा कि कंपनियां एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड फर्जी थीं, जिन्हें लालू के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त हुई थी। साथ ही ईडी ने कहा कि उक्त कंपनियों में प्रमुख लोगों द्वारा अचल संपत्तियां अर्जित की गई थीं। फिर नाममात्र राशि के लिए शेयर लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए। बता दें कि विशेष अदालत ने 27 जनवरी को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू करने के लिए आरोपी व्यक्तियों को 9 फरवरी, 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है। कात्याल को ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वो अभी जेल में हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले साल ईडी ने मामले की जांच के सिलसिले में 10 मार्च को तलाशी अभियान चलाया था और 1 करोड़ रुपए की नकदी और लगभग 1.25 करोड़ रुपए के बराबर कीमती सामान जब्त किया था। ईडी ने 29 जुलाई, 2023 को 6.02 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त किया था।
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Ms. Pooja, |