बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अपना विजिटिंग कार्ड न बनाएं, छात्र-श‍िक्षक रिश्ते पर पीएम मोदी ने कही ये बात

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New Delhi. पीएम मोदी मोदी बोर्ड परीक्षा (Board Exam) 2024 से पहले देशभर के 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के तनाव को कम करने के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा कर रहे हैं। आज यानी 29 जनवरी 2024 को दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में ये आयोजन शुरू हो चुका है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि डिग्री तो सबके पास होती है, लेकिन कुछ डॉक्टर्स ज्यादा सफल इसलिए होते हैं क्योंकि वह पेशेंट को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद दुबारा फोन करते हैं, और उनके स्वास्थ्य संबंधि जानकारी लेते हैं। एक डॉक्टर का इतना पूछ लेना ही मरीज को आधा ठीक कर देता है। मान लीजिए किसी बच्चे ने कक्षा में अच्छा प्रदर्शण किया और टीचर ने उसके घर जाकर मिठाई मांगी तो उस परिवार को उससे ताकत मिलती है। इसके बाद परिवार भी सोचता है कि टीचर ने तारीफ की है, तो हमें भी थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि टीचर का काम नौकरी बदलना नहीं बल्कि छात्र का जीवन बदलना है।

कैसा हो एक शिक्षक और छात्रा का नाता ?
पीएम मोदी ने अभिभावकों को कहा कि संगीत के शिक्षक तो पूरे स्कूल के बच्चों का तनाव खत्म कर सकते हैं। मैं समझती हूं कि किसी भी टीचर के मन में जब ये विचार आता है कि स्टूडेंट के तनाव को कैसे दूर करें, मुझे लगता है कि टीचर के मन में परीक्षा का कालघट है, अगर टीचर और स्टूडेंट का नाता परीक्षा के कालघट का है तो सबसे पहले ये नाता खत्म करें। पहले दिन से एग्जाम आने तक टीचर का स्टूडेंट से नाता बढ़ते रहना चाहिए ताकि परीक्षा के दिन तनाव की नौबत ना आए। जिस दिनआप सिलेबस से आगे निकलकर छात्र से नाता जोड़ोगे तो वह छोटी-मोटी दिक्कतों के समय भी जरूर आपसे बात करेगा।

संतानों में किसी प्रकार की तुलना न करें – पीएम मोदी
पीएम ने कहा, अगर जीवन में चुनौतियां ना हों तो फिर जीवन बहुत ही चेतनाहीन बन जाएगा, प्रतिस्पर्धा ही होनी चाहिए। मुझे भी परीक्षा पे चर्चा में इस प्रकार का सवाल पहली बार आया है। कभी-कभी इसका जहर, बीज पारिवारिक वातावरण में ही बो दिया जाता है। घर में भी मां-बाप द्वारा दो भाई-बहन के बीच विक्रत प्रतिस्पर्धा का भाव बो दिया जाता है। मेरा आग्रह है कि अपने ही संतानों में ऐसी तुलना मत कीजिए। लंबे समय के बाद ये बीज जहरीला वृक्ष बन जाता है। मां बाप किसी को मिलते हैं तो अपने बच्चे की कथा सुनाते हैं, यह बच्चे के मन में ऐसा प्रभाव करता है कि मैं तो सब कुछ हूं, मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है।
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Pooja Kumari Ms. Pooja,
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