खो खो फेडरेशन की लूट और तानाशाही की जांच हो

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रविवार को कटक के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में ‘अल्टीमेट खो-खो’ के सीज़न 2 के ओपनर में तेलुगु योद्धाओं ने मुंबई खिलाड़ियों के खिलाफ 46-44 से रोमांचक जीत हासिल की,
जबकि गत चैंपियन, ओडिशा जगरनॉट्स ने राजस्थान वॉरियर्स पर 35-27 से जीत दर्ज की। लेकिन इधर जंतर मंतर पर खो खो से जुड़े सौ से अधिक खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और पदाधिकारियों ने अपनी फेडरेशन के विरुद्ध हाय, हाय के नारे लगाए और आरोप लगाया कि खो खो फेडरेशन के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल और महासचिव एमएस त्यागीउनके खेल को धोखा दे रहे है। प्रदर्शनकारियों ने मित्तल और त्यागी पर फेडरेशन के खातों में गड़बड़ी और खिलाड़ियों का पैसा लूटने का आरोप भी लगाया।

खो खो फेडरेशन के पूर्व सचिव सुरेश शर्मा ने आज यहां जंतर मंतर में वर्तमान फेडरेशन पर भ्रष्टाचार और तानाशाही के आरोप लगाते हुए कहा कि फेडरेशन देश के खिलाड़ियों के हितों की अनदेखी कर रही है। जो भी राज्य आवाज उठाता है वहां फेडरेशन द्वारा समांतर धड़ा खड़ा कर दिया जाता है। इस प्रकार अधिकांश राज्यों में दो या अधिक दावेदार उठ खड़े हुए हैं। दिल्ली, बिहार, यूपी , हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के खिलाड़ियों और कोचों के अनुसार फेडरेशन देश में खेल का माहौल खराब कर रही है।

प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि बहुत से राज्यों की राज्य इकाइयों को मनमर्जी से भंग किया जा रहा है। खेल मंत्री से अपील की गई है कि इंग्लैंड में खेली गई तीन देशोंकी चैंपियनशिप की जांच पड़ताल की जाए , जोकि पैसे की बरबादी और महज छलावा थी। खो खो लीग के नाम पर लाखों का घोटाला हो रहा है। यूपी, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली और बिहार की इकाइयों के अलावा भी कई एसोसिएशन फेडरेशन की लूट की शिकार बताई जा रही हैं।

असंतुष्टों ने खेल मंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि देश में खेल के वातावरण बिगड़ रहा है , जिसके जिम्मेदार फेडरेशन अध्यक्ष और महासचिव हैं। अतः खातों की जांच और तानाशाही पर लगाम लगाना जरूरी हो गया है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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