सुब्रतो कप अंतरराष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट में भले ही नेपाल और बांग्लादेश की मात्र दो विदेशी टीमें भाग ले रही हैं लेकिन आयोजक भारतीय वायु सेना की राय में इस बार का आयोजन कुछ हटकर होगा । सुब्रतो कप के 62 वें संस्करण के मैच 19 सितंबर से 23 अक्तूबर तक खेले जाएंगे। इस बार के आयोजन की खास बात यह है कि बालकों के 14 साल तक के मुकाबले बेंगलुरु में खेले जाएंगे। दिल्ली से बाहर कोई आयोजन पहली बार हो रहा है। अन्य आयुवर्ग के मैच दिल्ली के अंबेडकर स्टेडियम में तय है। यह जानकारी देते हुए एयर मार्शल और सुब्रतो मुकर्जी स्पोर्ट्स एंड एजुकेशन सोसायटी के उपाध्यक्ष आरके आनंद ने कहा कि कोरोना के चलते आयोजन नहीं हो पाया था जिसकी भरपाई के लिए वायुसेना ने कमर कस ली है।
आयोजन समिति के अनुसार कुल 109 टीमें सुब्रतो कप के 62 वें संस्करण में भाग ले रही हैं और कुल 180 मैच खेले जाएंगे। अंडर 17 जूनियर बालिकाओं का फाइनल 26 सितंबर को और बालकों का फाइनल 23अक्तूबर को अंबेडकर स्टेडियम पर खेला जाएगा। बंगलुरु में सबजूनियर बालकों का फाइनल 10अक्टूबर को खेला जाना है।
एयर मार्शल आनंद ने माना कि पिछले कुछ सालों में सुब्रतो कप में विदेशी टीमों की भागीदारी में गिरावट आई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विभिन्न देशों के खेल कैलेंडर आयोजकों द्वारा निर्धारित तिथियों के अनुरूप नहीं हैं। भविष्य में इस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। श्री आनंद के अनुसार सुब्रतो कप में स्पॉन्सर रुचि ले रहे हैं। देश के तमाम स्कूल भी इस आयोजन को प्राथमिकता देते हैं, जोकि खेल के लिए शुभलक्षण माना जा सकता है।
उनके अनुसार इस बार खास यह होगा कि सुब्रतो कप आयोजकों और एआईएफएफ के बीच एक करार होने का रहा है, जिसमें टूर्नामेंट के श्रेष्ठ खिलाड़ियों से चुनी गई टीम फुटबाल फेडरेशन के टूर्नामेंट में खेलेगी। एयर मार्शल के अनुसार भारतीय वायुसेना में हमेशा की तरह अच्छे खिलाड़ियों की भर्ती जारी है। इस संवाददाता के साथ बातचीत के चलते उन्होंने स्वीकार किया कि सुबर्तो कप को वर्तमान फुटबाल की जरूरतों और तेवरों के अनुरूप ढालना होगा। साथ ही अच्छे खिलाड़ियों को उनका विभाग नौकरी देने के लिए भी तत्पर है। साथ ही टूर्नामेंट के श्रेष्ठ खिलाड़ियों से गठित टीम को प्रमोट किया जाना चाहिए।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |