उम्मीद

hope 1

जब संक्रमण की तपिश हमें न और सताएगी
जब मन्त्रोचर की ध्वनि हर ओर गूँजती जाएगी
जब इंसानियत व्यभिचार में लिप्त न रह पाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
वो सुबह कभी तो आएगी

जब उम्मीद की किरण सही राह दिखलाएगी
जब हर ओर शांति की नदीया बहती जाएगी
जब दुआ अपना सुडाल रंग दिखलाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
वो सुबह कभी तो आएगी

जब बँज़र जमी सरसों सी खिल जाएगी
जब रहमत ईश्वर की फूल सब पर बरसाएगी
जब मानवता महज़ मंद मंद मुस्कुराएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
वो सुबह कभी तो आएगी

जब ज़िंदगी ख़ुशियों के पारावार में डूब जाएगी
जब माँ वात्सल्य से अपने आग़ोश में हमें सुलाएगी
जब कली निख़र कर ख़ुशबू अपनी उपवन में फेलाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
वो सुबह कभी तो आएगी

जब पराक्रम संक्रमण पर जीत की ख़ुशी जताएगी
जब कुटिलता करेगी कूच और इंसानियत जाग जाएगी
जब जीवन की रण भूमि जीत का परचम लहरायेगी
वो सुबह कभी तो आएगी
वो सुबह कभी तो आएगी



सुनील की कलम से

Sunil Kapoor 1
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *