मन की आवाज कहलाए कलम से – प्यार की अजीब और अधूरी कहानी।

strange and incomplete story of love

एक लड़का और एक लड़की दोनों आपस में बहुत प्यार करते थे पर कुछ प्रॉब्लम की वजह से लड़की की शादी कहीं और हो जाती है…..
तो लड़का क्या कहता है सुनो….

आज उसे उसकी सहेलियों ने सजाया होगा..

मेरी जान के गोरे हाथों पर सखियों ने मेहंदी को लगाया होगा, बहुत गहरा चढ़ेगा मेहंदी का रंग उस मेहंद में उसने मेरा नाम छुपाया होगा, रह-रह कर रो पड़ेगी जब-जब उसको मेरा ख्याल आया होगा, खुद को देखेगी जब आईने में तो अक्स उसको मेरा ही नजर आया होगा, लग रही होगी बेशुमार सी सुंदर वो आज देख कर उसको चांद भी शरमाया होगा,

आज मेरी जान ने अपने मां-बाप की इज्जत को बचाया होगा, उसने बेटी होने का फर्ज निभाया होगा, मजबूर होगी वह सबसे ज्यादा, सोचता हूं किस तरह खुद को समझाया होगा, अपने हाथों से उसने हमारे प्रेम के खतों को जलाया होगा, खुद को मजबूत बना कर उसने दिल से मेरी यादों को मिटाया होगा, भूखी होगी वह जानता हूं मैं कुछ ना उस पगली ने मेरे बिना खाया होगा, कैसे संभाला होगा खुद को जब उसको फेरों के लिए बुलाया होगा, कापता होगा जिस्म उसका धीरे से पंडित ने हाथ उसका किसी और को पकड़या होगा, मैं तो मजबूर हूं पता है उसको आज खुद को भी बेबस सा उसने पाया होगा, रो-रो के बुरा हाल हो जाएगा उसका जब वक्त उसकी विदाई का आया होगा, बड़े प्यार से मेरी जान को मां बाप ने डोली में बिठाया होगा, रो पड़ेगी आत्मा भी दिल भी चीखा और चिल्लाया होगा, आज अपने मां बाप के लिए उसने गला अपनी खुशियों का दबाय।।

हंसते चेहरे को देखकर
यह मत सोचना कि
उनको गम नहीं है,
बल्कि यह सोचना कि
उनमें सहन करने की
ताकत ज्यादा है।।

मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।

Rozi 1

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