“वर्ल्ड कप में भाग लेने वाली भारतीय हॉकी टीम यूँ तो ठीक ठाक नज़र आ रही है और सम्भवतया अपने पूल मुकाबलों में बेहतर परिणाम के साथ आगे बढ़ सकती है । लेकिन क्वार्टर फाइनल के बाद हमारी तैयारी और क्वालिटी की असली परीक्षा होंगी , जहाँ हमें कुछ टीमें परेशान कर सकती हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम से बच कर रहना होगा’, भारतीय हॉकी के महानतम खिलाडियों में से एक अशोक कुमार ध्यान चंद का ऐसा मानना है ।
1975 के क्वालालम्पुर व्वर्ल्ड कप में भारतीय जीत के प्रमुख नायकों में से एक और हॉकी इतिहास के महानतम ड्रिबलरों में शुमार अशोक कुमार भारतीय टीम को संतुलित मानते हैं , जिसे अपनी मेजबानी और अपने दर्शकों का लाभ भी मिलेगा लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम अपेक्षाकृत बेहतर टीमें दिखाई देती हैं । वह मानते हैं कि भारत के पास इस से बेहतर मौका दूसरा नहीं हो सकता , क्योंकि पूल मुकाबलों में भारतीय खिलाडियों को इंग्लैण्ड , स्पेन और वेल्स से निपटना है , जोकि बड़ी टीमों में शामिल नहीं हैं लेकिन यह भी दुआ करनी चाहिए कि फाइनल से पहले ऑस्ट्रेलिया या बेल्जियम से न टकराना पड़े ।
उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री के प्रयासों और उनके हॉकी प्रेम की सराहना की और कहा कि भारतीय हॉकी को उनके जैसे हॉकी प्रेमियों की जरुरत है और यदि भारत खिताब जीतता है तो नवीन पटनायक को हमेशा याद किया जाएगा , जिन्होंने अपने राज्य में दो विश्व स्तरीय मैदान भारतीय हॉकी को दिए हैं। लेकिन अभी ऐसे कई मैदानों की जरुरत है । अशोक के अनुसार ऑस्ट्रेलिया , बेल्जियम , इंग्लैण्ड , हालैंड जैसी टीमों की प्रगति का बड़ा कारण यह है कि उनके पास अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस खेल मैदानों की भरमार है जबकि हमारे देश में कुछ एक शहरों में ही कृत्रिम मैदान हैं । नतीजन खिलाडियों को ग्रासरूट से खेलने के मौके कम ही मिल पाते हैं । यही कारण है कि 47 साल से हम वर्ल्ड कप जीतने के सपने ही देख रहे हैं ।
भारतीय टीम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान टीम गोलकीपर से लेकर अंतिम खिलाडी तक फिट है और अनुभव की कोई कमी नहीं है | पेनल्टी कार्नर में भी हमारे खिलाडी अच्छा कर रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल दिन का होता है । कोई खिलाड़ी या टीम चल जाए तो कुछ भी हो सकता है । बेशक सभी खिलाडियों और टीम प्रबंधन को अपना श्रेष्ठ देना होगा
वह मानते हैं कि आज खिलाडियों को बेहतर सुविधाएँ और प्रोत्साहन मिल रहा है । उन्हें सरकार , हॉकी इंडिया और ओडिशा सरकार सब कुछ मुहैया करवा रहे हैं और वर्ल्ड कप जीतने पर उन पर धनवर्षा तय है । अशोक के अनुसार खिताब जीतने पर उनके विभाग इंडियन एयर लाइन्स ने उन्हें पचास रूपये की वेतन वृद्धि दी थी । लेकिन उन्हें इस बात का संतोष है कि देश उन्हें और टीम के सभी खिलाडियों को हमेशा से सम्मान देता आया है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |