तू लड़का है तू किसी भी हाल में रो नहीं सकता, खिलौना टूटे या दिल, तू पलके भीगो नहीं सकता।
किसी के दिल का नूर है तू, किसी की मांग का सिंदूर है तू, कौन समझेगा, किसे बताएगा, अरे दिन भर की थकान से चकनाचूर है तू
तू मर्द है रो के दिखा नहीं सकता, कितना भी टूटा हो दिल आशु बहा नहीं सकता, तू दिन रात सुबह शाम इन खामोशियों के भट्टे में जल कर तो देख तू एक बार लड़का बन कर तो देख।
लाड प्यार से ज्यादा जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया जाता है कितनी मुश्किल से कमाते हैं पैसा बचपन से यही सिखाया जाता है।
क्या तू देख पाएगा माता-पिता को इस उम्र में काम करते हुए या, देख पाएगा बीवी बच्चों को आभाव में पलते हुए
तुझे हर घाव, हर जख्म को छुपाना पड़ेगा कुछ भी हो तुझे दुनिया के सामने मुस्कुराना होगा। कितना दर्द है इस दिल में इस पर हाथ रख कर तो देख तू एक बार लड़का बंद कर तो देख।
तुझे कृष्ण वन प्रेम का राग सुनाना पड़ेगा मन में बसी हो राधा लेकिन रुक्मणी से बिहार रचाना पड़ेगा तू अपनी ही इच्छाओं पर आदर्शों का चोला पहन कर तो देख, तू एक बार लड़का बन कर तो देख।।
रोज़ी।