दोस्तों, हम सभी के जीवन में कभी ना कभी ऐसा पल जरूर आता है। जब हम काफी दुख भरे समस्या से गुजर रहे होते हैं। कभी किसी से बिछड़ने का दुख, कभी किसी से कुछ हारने का दुख, कभी किसी की यादों का दुख, कुछ ना कुछ दुख हम हमेशा झेलते रहते हैं।कई बार तो हम परेशान भी हो जाते हैं और सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर सारे दुख हमें ही क्यों मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कोई भी इंसान ऐसा नहीं है जिनके पास कोई दुख ना हो। यह अलग बात है कि कुछ लोग अपने दुख को लेकर सोच में पड़े रहते हैं, और खुद को और दुखी कर लेते हैं।वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि दुख से लड़ना जानते हैं और समस्या हर परेशानी का एक रास्ता खोज निकालते हैं,यह लोग अपने एक ही दुख को लेकर नहीं बैठते बल्कि उससे लड़ने का और दूर करने का प्रयास करते हैं,हमें भी इन्हीं लोगों जैसे बनने का प्रयास करना चाहिए और अपनी परेशानियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए ना कि बैठकर उनका शोक मनाना चाहिए।।इन सबसे हटकर कभी-कभी हम किसी की याद में या किसी के बिछड़ने के गम से काफी दुखी हो जाते हैं।ऐसे समय में हम अपने दिल की बात और तकलीफ को किसी के सामने जाहिर भी नहीं कर पाते हैं।जब हम अपने गम को किसी के साथ शेयर नहीं करते हैं तो उससे हमारा दुख और बढ़ता है और हमें ज्यादा तकलीफ हो का सामना करना पड़ता है। इसलिए कहा गया है कि दुख बांटने से दुख कम होता है और खुशियां बांटने से बढ़ती है।।
मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।