ई-टेंडरिंग ( ठेकेदारी प्रथा) के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय का गैर शिक्षक वर्ग 4-5 अगस्त को विश्वविद्यालय के गेट नंबर “4” पर विशाल धरना प्रदर्शन करेगा

protest against e tendering

दिल्ली विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक वर्ग 4-5 अगस्त को ई-टेंडरिंग के विरोध में विश्वविद्यालय के गेट नंबर 4 पर भारी संख्या में धरना प्रदर्शन करेंगे! क्योंकि अब दिल्ली विश्वविद्यालय में भी कर्मचारियों की भर्ती के लिए ई-टेंडरिंग का सहारा लिया जा रहा है! यह ई-टेंडर 7 जुलाई को शुरू किया गया था! दिल्ली विश्वविद्यालय के पुराने कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं! कर्मचारियों का कहना है कि वह विश्वविद्यालय के लिए वर्षों से कार्य कर रहे हैं! इन्हें परमानेंट नौकरी की दिलासा दी गई थी! परंतु अब उन्हें अपना भविष्य खटाई में नजर आ रहा है, कुछ कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर न्यायलय तक भी गए हैं! परंतु इस पर भी अभी तक किसी प्रकार की कोई खास कार्यवाही नहीं की गई है! इसी के साथ इन कर्मचारियों का कहना है कि ई- टेंडरिंग का यह नया फरमान जारी कर इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है! इन्हीं सब बातों को मध्य नज़र रखते हुए (DUCKU) द्वारा बीते सोमवार यानी कि 1 अगस्त को एक वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई! इस बैठक में सर्वसम्मति से सभी कर्मचारियों ने 4 और 5 अगस्त को ई-टेंडरिंग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया!

कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा जी ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक ई-टेंडर जारी किया है! जिसमें 20 पदों पर क्लर्क, 60 पदों पर एमटीएस एवं 100 पदों पर लैब अटेंडेंट के लिए आवेदन जारी किया गया है! इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन नेशनल टेस्ट एजेंसी(एनटीए)के द्वारा इन सभी पदों का लगभग 15 महीने पहले विज्ञापन कर चुकी है! परंतु करोड़ों रुपये लेने के बावजूद भी अभी तक इससे संबंधित कोई टेस्ट कंडक्ट नहीं कराया गया है! ऐसे में प्रतीत होता है कि एनटीए के साथ प्रशासन की जबरदस्त मिलीभगत है! आपको बता दें कि विश्वविद्या ने प्रत्येक उम्मीदवार से 1000 रुपये प्रति फॉर्म वसूल किया है! यहां तक कि महिला उम्मीदवार तथा एससी/ एसटी उम्मीदवारों से भी पैसे वसूले गए हैं! विभिन्न विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में जो कर्मचारी पिछले 15-20 वर्षों से कार्यरत हैं उन्हें नियमित ना करके विश्वविद्यालय प्रशासन कर्मचारियों पर अपने नए-नए फरमान थोपे जा रही है! ऐसे में कर्मचारियों के भविष्यों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है! इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, महासचिव रविंद्र कुमार पांडे ने सभी कर्मचारियों को एकत्रित होकर ई-टेंडर के इस नए फरमान के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार होने को कहा है! देवेंद्र शर्मा जी ने यह भी बताया कि इस फैसले को वापस लेने के लिए वह विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से बातचीत कर एक निवेदन पत्र जारी करेंगे!

Pooja Kumari Ms. Pooja,
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