भारत और चीन के मध्य रविवार को हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद से संबंधित शेष मुद्दों को हल करने को लेकर फिल्हाल अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है, हालांकि कहा गया है कि दोनों दोनों देशों के बीच इन मुद्दों को जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने की अनुमति प्रदान की गई है!
करीब साढ़े 12 घंटे तक चली बातचीत के पश्चात दोनों पक्षों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि लंबित मुद्दों के समाधान से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) पर शांति व्यवस्था उत्पन्न करने में मदद मिलेगा, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में भी प्रगति होगी! अतः अंत में दोनों पक्ष क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमति दिखाई! भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर बाली में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के 10 दिन बाद 16वें दौर की सैन्य वार्ता हुई! जी 20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी अटके मुद्दों को जल्द से जल्द समाधान की अवश्यकताओं से रूबरू कराया! देखा जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों ने अपने 50 से 60 हजार तक सैनिकों को तैनात किया हुआ है!
यह वार्ता एलएसी के भारतीय पक्ष के क्षेत्र चुशुल – मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर हुई! वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया एवं चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया! आपको यह भी बता दें कि सैन्य वार्ता का 15वां दौर 11मार्च को हुआ था और इससे भी कुछ खास हासिल नहीं हो पाया था! भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने देपसांग बुलगे और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान की भी गुहार लगाई! भारत शुरुआत से ही जोर दे रहा है कि एलएसी पर शांति व्यवस्था द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है!
Ms. Pooja, |