शारीरिक शिक्षकों को सम्मान देना सीखें!

respect to Physical Education teachers

एक राष्ट्रीय दैनिक की खबर के अनुसार ,शारीरिक शिक्षकों की भारी कमी के चलते मध्य प्रदेश सरकर ने अन्य विषयों के शिक्षकों को शारीरिक शिक्षा से जोडने का फैसला किया है। रिपोर्ट के अनुसार इन शिक्षकों को पांच दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं। यदि सचमुच ऐसा होने जा रहा है तो उस देश के लिए बड़े शर्म की बात है, जिसकी आबादी का बड़ा हिस्सा युवा हैं और जो खेल महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है।

एक सर्वे से पता चला है कि देश में लाखों बीपीएड और एमपीएड बेरोजगार हैं। कई हजार रिक्त स्थान होने के बावजूद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही। ऐसा सिर्फ एक राज्य विशेष में नहीं है। तमाम प्रदेशों में बेरोजगारों की लंबी कतार लगी हैं लेकिन किसी भी सरकार को परवाह नहीं है।

कोरोना काल के चलते शारीरिक क्षिक्षकों को शायद सबसे बुरा वक्त देखना पड़ा है। हजारों की नौकरी चली गई । खासकर, निजी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को बड़ी प्रताड़ना सहनी पड़ी। कई शिक्षक नौकरी से हाथ धो चुके हैं या स्कूल प्रबंधन उन्हें अपनी शर्तों पर नचा रहा है। ऊपर से अन्य विषयों की घुसपैठ भी शुरू हो गई है।

अन्य विषयों के शिक्षकों को पांच सात दिन की ट्रेनिंग के बाद यदि शारीरिक शिक्षक का दायित्व सौंप दिया जाएगा तो स्कूल भले ही एक शिक्षक की तन्ख्वाह से बच जाएगा लेकिन कैसे युवा तैयार करेगा बताने की जरुरत नहीं है। देश की सरकारें और उनकेशीर्ष पदों पर बैठे अधिकारी भूल रहे हैं कि शारीरिक शिक्षक रातोंरात तैयार नहीं हो जाते। कड़ी मेहनत और उच्च शिक्षा के बाद ही वह कामयाब हो पाता है। लेकिन कंगाली में जी रहे ऐसे शिक्षक से उसकी पहचान छीनी जाएगी तो शिक्षा और स्वास्थ्य का संतुलन गड़बड़ा सकता है।

यह न भूलें कि शारीरिक शिक्षकों की अनदेखी और उपेक्षा के दुष्परिणाम देश की युवा पीढ़ी पहले ही भुगत रही है। एक तरफ तो शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य विषय बनाने पर जोर दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बच्चों और युवाओं को भटकाने की कोशिश की जा रही है। पेफ़ी के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन और फाउंडर सदस्य जानी मानी तैराक डॉक्टर मीनाक्षी पाहूजा के अनुसार शारीरिक शिक्षकों के साथ हो रहे अनाचार से देश की भावी पीढ़ी भटक सकती है। यदि यह सिलसिला थमा नहीं तो हम अच्छे समाज और चैम्पियन खिलाड़ी तैयार करने की होड़ में पीछे रह जाएंगे।

Physical Education 2

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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