महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को महाशिवरात्रि पर होगा। इसके साथ ही महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा। अंतिम स्नान पर्व के लिए मेला प्रशासन और पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस दिन लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। ऐसे में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की वही व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी जो इससे पूर्व हुए वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के स्नान के दिन थीं। हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की भी तैयारी की गई है। शिवभक्तों पर 25 क्विंटल फूल बरसाए जाएंगे। स्नान के लिए 12 किलोमीटर लंबे स्नान घाट बनाए गए हैं।
महाकुंभ समाप्त होने का समय
माघ पूर्णिमा के बाद महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस वर्ष महाशिवरात्रि की तिथि का आरंभ 26 फरवरी को प्रातः 11:08 बजे होगा और इसका समापन 27 फरवरी को प्रातः 8:54 बजे होगा। चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, अतः व्रत भी 26 फरवरी को रखा जाएगा और इसी दिन महाकुंभ मेले का समापन होगा।
शिव मंदिरों के आसपास अधिकारी रखेंगे निगरानी
महाशिवरात्रि पर प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु संगम स्नान तो करेंगे ही साथ ही आसपास के शिव मंदिरों में भी जाएंगे। मेला क्षेत्र की बात करें तो सबसे करीब के शिव मंदिरों में दशाश्वमेध, सोमेश्वर महादेव और मनकामेश्वर मंदिर है। इन मंदिरों में सुबह चार बजे से पहले ही शिव भक्तों की कतार लग जाएगी। ऐसे में डीएम महाकुम्भ नगर विजय किरन आनंद ने अफसरों को निर्देश दिया है कि यहां पर कम से कम दो अधिकारी लगातार निगरानी रखें, जिससे किसी प्रकार की समस्या न हो। मंदिर में प्रवेश और निकास पर ध्यान दें। स्वच्छता का ध्यान दें, जिससे जलाभिषेक के बाद फिसलन जैसी स्थिति न होने पाए।
महाकुंभ स्नान करने का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अंतिम महा स्नान के लिए विशेष शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 5:09 बजे से 5:59 बजे तक
प्रातः संध्या- प्रातः 5:34 बजे से 6:49 बजे तक
अमृत काल- प्रातः 7:28 बजे से 9:00 बजे तक
विजय मुहूर्त- दिन के 2:29 बजे से 3:15 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 6:17 बजे से 6:42 बजे तक
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