इसमें दो राय नहीं की 2021 चैम्पियन नीरज चोपड़ा के नाम रहा। टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीत कर नीरज ने भारतीय खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। एक थ्रो ने उसे करोड़ों भारत वासियों का लाडला बना दिया और ऐसा सम्मान पाया जैसा शायद कभी किसी क्रिकेटर को भी नहीं मिला होगा। सम्भवतया वह ऐसा पहला ओलम्पिक पदक विजेता है जिसे हर वर्ग, हर तबके और तमाम बड़े छोटे घरानों ने सर माथे बैठाया।
टोक्यो ओलम्पिक में नीरज की कामयाबी कुछ ऐसे सर चढ़ कर बोली कि आज भी उसकी उपलब्धि के कसीदे पढ़े जा रहे हैं। कल तक जो बच्चे और युवा सचिन, जैसा बनना चाहते थे उनमें से ज्यादातर अब नीरज की तरह नाम सम्मान कमाना चाहते हैं। साल की शुरुआत में नीरज अन्य भारतीय एथलीटों और खिलाडियों की तरह बेहद साधारण खिलाडी था। उसे बहुत ज्यादा भाव नहीं दिया जा रहा था लेकिन भाग्य और कड़ी मेहनत उसे उस मुकाम तक पहुंचा दिया, जहां आज तक सिर्फ वही पहुँच पाया है।
नीरज आज जिस ऊंचाई पर है वहां से ज्यादातर भारतीय खिलाडियों का कद बहुत छोटा नजर आता है। उससे अपेक्षाएं भी बहुत बढ़ी हैं। ज़ाहिर है गए साल के सितारा खिलाडी को अपनी चमक बरकरार रखने और ज्यादा चमचमाने के लिए कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। सीधा सा मतलब है कि वर्ष 2022 उसकी परीक्षा का साल रहेगा। अपनी ख्याति और खिताब बचाने के लिए उसे और ज्यादा मेहनत करनी होगी।
24 साल के नीरज के पक्ष में बड़ी बात यह जाती है की उम्र उसके साथ है और फार्म में रहा तो पेरिस ओलम्पिक 2024 और तत्पश्चात एक और ओलम्पिक में देश के लिए खेल सकता है। लेकिन फिलहाल उसे चंद महीने बाद होने वाले कामनवेल्थ खेल, एशियाड और विश्व चैम्पियनशिप में अपनी श्रेष्ठता के दर्शन कराने हैं। महामारी से घिरे टोक्यो ओलम्पिक में वह 87.58 मीटर की थ्रो के साथ गोल्ड जीत गया। हालाँकि उसका श्रेष्ठ 88.07है।
बीमारी जाने का नाम नहीं ले रही लेकिन आने वाले मुकाबलों में कड़ी चुनौती मिलने वाली है। जर्मनी के जोहानेस वेटर 96.29मीटर और पोलैंड के मार्सिन कुरकोवस्की 89.55मीटर माप चुके हैं। उनके अलावा त्रिनिडाड और चैक रिपब्लिक के थ्रोअर भी नीरज को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। कुल मिला कर चार से छह थ्रोअर उसे चुनौती देने के लिए तैयार बैठे हैं। चूँकि आज वह चैम्पियन है इसलिए हर किसी प्रतिद्वंद्वी के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। अब देखना यह होगा की वह अपने पर बन रहे दबाव से कैसे निपटता है।
पिछले कुछ महीनों से मीडिया की सुर्ख़ियों में रहने वाले नीरज ने वह सब पाया है, जिसका वह हकदार बनता है। उसके प्रदर्शन से भारतीय एथलेटिक फेडरेशन और एथलीटों को भी बड़ा सम्मान मिला है। सही मायने में नीरज को अब असली चुनौती का सामना करना है। उसे अपदस्त करने के लिए प्रतिद्वंद्वी नयी चाल के साथ भाला लिए उतरेंगे। देखना होगा की उसकी ढाल कितनी मजबूत है और वह अपनी कामयाबी को कितना आगे बढ़ा पाताता है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |