New Delhi: अमेरिका ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने का फैसला लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले की मंजूरी दी है। व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा।
भारत सरकार की कूटनीतिक जीत
इस फैसले को भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिगत रिश्तों का परिणाम बताया। उनका मानना है कि मोदी के मजबूत संबंधों के कारण ही अमेरिका ने आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने का निर्णय लिया।
ट्रंप और मोदी की प्रभावी कूटनीति
उज्जवल निकम ने डोनाल्ड ट्रंप के सख्त नेतृत्व और स्पष्टवादी दृष्टिकोण को सराहा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने खुद कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी एक कुशल और प्रभावी वार्ताकार हैं। यह अमेरिका और भारत के बीच मजबूत रिश्तों की ओर इशारा करता है, हालांकि, ट्रंप ने टैरिफ और रेसिप्रोकल जैसे मुद्दों पर भी अपनी सख्त नीतियां लागू की हैं।
भारत में राणा पर मुकदमा चलेगा
अब तहव्वुर राणा को अमेरिका से दिल्ली लाया जाएगा, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। यह मामला सिर्फ 26/11 मुंबई हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई गहरे राजों का पर्दाफाश हो सकता है। निकम ने भी इस ओर इशारा किया कि राणा के प्रत्यर्पण के बाद कुछ अहम जानकारी सामने आ सकती है।
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Ms. Pooja, |