सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की फ्री योजनाओं पर सख्त टिप्पणी की। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लोगों को बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं। लोग काम करने से बचना चाह रहे हैं, क्योंकि उन्हें फ्री में राशन और पैसे मिल रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता लोगों को मुख्यधारा में लाना हो।
केंद्र ने बताया, 81 करोड़ लोगों को मिल रहा है मुफ्त राशन
दलील में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि कब तक मुफ्त चीजें दी जा सकती हैं? हम इन प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर और क्षमता निर्माण पर क्यों नहीं काम करते?
हाई कोर्ट ने किया विचार करने से इंकार
हाई कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से किया इनकार
वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन ढींगरा द्वारा बीजेपी, आप और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में मतदाताओं को कैश वितरित करने के उनके वादों पर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा कृत्य भ्रष्ट आचरण में आता है. याचिका न्यायमूर्ति ढींगरा द्वारा दायर की गई थी जो सशक्त समाज संगठन के अध्यक्ष भी हैं. इसे दिल्ली विधान सभा चुनावों के मद्देनजर लाया गया था जो अब संपन्न हो गए हैं.
अटॉर्नी जनरल की प्रतिक्रिया
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को फाइनल करने में लगी है, जो गरीब शहरी बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराने से लेकर दूसरे जरूरी मामलों में मददगार होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जनरल से कहा कि वो सरकार से निर्देश लेकर बताए कि ये कार्यक्रम कब से लागू होगा? 6 हफ्ते बाद कोर्ट आगे सुनवाई करेगा।
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