द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के कामों को गिनाया. साथ ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और वक्फ संशोधन जैसे विधेयक का जिक्र किया.
भारतीय गणतंत्र की 75 वर्ष की यात्रा पूरी होने पर राष्ट्रपति ने जताई खुशी
इससे पहले अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संसद की इस बैठक को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। अभी दो माह पहले हमने संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई है और कुछ दिन पहले ही भारतीय गणतंत्र ने 75 वर्षों की यात्रा भी पूरी की है। ये अवसर लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को नई ऊंचाई देगा। भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कांग्रेस नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति से स्पष्ट राजनीतिक भाषण दिलवाया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह एक बहुत ही पूर्वानुमानित भाषण था।” उन्होंने आगे कहा, “अपनी सरकार की तारीफ करना उनका काम है। उन्होंने वही किया। हमें इस बात की चिंता है कि उनके भाषण से क्या हटा दिया गया जो उनकी सरकार पूरा करने में विफल रही। बेरोजगारी को देखकर आम आदमी और मध्यम वर्ग को आज दुख हो रहा होगा। युवा न केवल बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, बल्कि शिक्षित युवाओं के पास भी नौकरियां नहीं हैं।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, इसीलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित कर, भाषा संबंधी बाधाओं को भी दूर किया गया है।
मेट्रो नेटवर्क के मामले मे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश
उन्होंने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चेनाब ब्रिज का निर्माण हुआ है जो विश्व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है। साथ ही आंजी ब्रिज, देश का पहला रेल केबल ब्रिज बना है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के माइलस्टोन को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
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