डीपीएल: सीआईएसएफ, रेंजर्स और गढ़वाल का दबदबा

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देर से शुरू हुई और बहुत देर तक चलने वाली डीएसए दिल्ली प्रीमियर लीग का तीसरा संस्करण धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और आयोजन समिति की माने तो बीस दिनों में सभी बाकी मैच पूरे हो जाएंगे। इसलिए क्योंकि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का बाहरी ग्राउंड 30 मार्च तक दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) को अलॉट कर दिया गया है। ऐसा आयोजकों का मानना है।

डीपीएल में कुल 12 क्लब भाग ले रहे हैं, जिनके बीच डबल लेग के आधार पर 132 मैच खेले जाने हैं। अर्थात अभी लंबा सफर बाकी है। 26 सितम्बर से शुरू हुई लीग में फिलहाल सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स बढ़त पर हैं, जिसने 14 मैचों में दस जीत के साथ सर्वाधिक 33 जुटाए हैं। डीपीएल 2023-24 की उप-विजेता रॉयल रेंजर्स (27) और मौजूदा चैम्पियन गढ़वाल हीरोज (26) क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। दिल्ली एफसी भी ज्यादा दूर नहीं है। उसने मात्र 12 मैचों में 25 अंक बना लिये हैं। तत्पश्चात सुदेवा, नेशनल यूनाइटेड, वाटिका, फ्रेंड्स यूनाइटेड, वायुसेना (नई दिल्ली), तरुण संघा, हिन्दुस्तान और यूनाइटेड भारत एक-दूसरे का पीछा कर रहे हैं। दौड़ में सबसे पीछे यूनाइटेड भारत है, जिसने 15 मैच खेलकर केवल सात अंक जुटाए हैं। हिन्दुस्तान एफसी 14 मैचों में 13 अंक बना पाई है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स दौड़ में काफी आगे निकल गए हैं और उसे यदि कोई पकड़ सकता है तो रॉयल रेंजर्स और गढ़वाल या दिल्ली एफसी हीरोज हो सकते हैं। लेकिन इस बीच नेशनल यूनाइटेड स्पोर्ट्स क्लब ने कुछ बड़े उलटफेर करके मैचों की नीरसता को काफी हद तक दूर किया है।

यूं तो दिल्ली प्रीमियर लीग मुकाबले रोमांच खो चुके हैं लेकिन पहले तीन-चार क्लबों के बीच श्रेष्ठता के मुकाबले दर्शनीय रहेंगे। देर से ही सही लीग के ठीक-ठाक समापन होने की उम्मीद की जा रही है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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