New Delhi: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जज मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश को मंजूर कर लिया जिसके तहत अब वे सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए है। आज 5 दिसंबर 2024 को जस्टिस मनमोहन ने न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ली।भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें ये शपथ सर्वोच्च अदालत में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दिलवाई।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 है, जिनमें से 2 पद अभी तक रिक्त थे, जस्टिस मनमोहन के आने के बाद इन जगहों को भर दिया गया है, इसके साथ साथ शीर्ष अदालत को भी गहन अनुभव ओर कुशल नेतृत्व का लाभ मिलेगा, इसी बात को मध्यानजर रखते हुए ये सिफारिश लगाई गई। इस सिफारिश के कारणवश दिल्ली हाइकोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व बढ़ने की संभावना है ।
जस्टिस मनमोहन के बारे में
जस्टिस मनमोहन दिल्ली हाइकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में 2008 से कम कर रहे है और वे 2009 में स्थायी न्यायाधीश बने। उन्होंने संवैधानिक, सिविल, और वाणिज्यक कानूनों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपने फैसले सुनाए और विशेषज्ञता हासिल की। 2024 के सितंबर माह में उन्हें दिल्ली हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने कई प्रभावशाली फैसले दिए।
कॉलेजियम प्रणाली
जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया सरकार के हस्तक्षेप को सीमित करती है। हालांकि, सरकार को नामों पर आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार है। यदि कॉलेजियम फिर से वही नाम प्रस्तावित करता है, तो सरकार को संवैधानिक बाध्यता के तहत इसे स्वीकार करना पड़ता है।
जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति की औपचारिक रूप से घोषणा कर दी गई है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने में सहायक होगा और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार लाने की उम्मीद जगाता है।
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