अजमेर दरगाह को हिन्दू मंदिर होने का दावा , कोर्ट ने दी मंजूरी

अजमेर दरगाह

राजस्थान के अजमेर स्थित ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका पर 27 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है. साथ ही कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 5 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख दी है.

क्या है याचिका?

हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने दरगाह को हिंदू पूजन स्थल बताया है. याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले से संबद्ध सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख में पेश होने का आदेश सुनाया.

वादी पक्ष ने किया कमियों को पूरा

वादी की और से कभी क्षेत्राधिकार तो कभी इंग्लिश की जगह हिंदी में वाद दायर को लेकर अदालत की चैक रिपोर्ट में आपत्तियां आ चुकीं थी. पिछली पेशी में वादी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से अंग्रेजी में मूल वाद प्रस्तुत करने पर दावे का हिंदी में रूपांतरण प्रस्तुत करने को कहा गया था. साथ ही अदालत ने केस से संबंधित दस्तावेज मय शपथ पत्र मांगे थे. जबकि प्रतिवादी को जारी करने वाले नोटिस प्रपत्र भी भरकर देने के आदेश दिए थे. वादी पक्ष की ओर से इन कमियों को पूरा कर दिया गया था.

प्रतिवादी को नोटिस जारी करने का कारण

वादी के अधिवक्ता ने बताया कि 38 पेज के दायर वाद में 38 पॉइंट में दिए गए अन्य प्वाइंट्स को ध्यान में रखते हुए. जिसमें प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुना जायेगा. न्यायालय से वादी द्वारा प्रस्तुत वाद में सात बिंदुओं पर उक्तवाद को चलाने हेतु प्रार्थना की है. जिसकी सुनवाई कर माननीय सिविल न्यायाधीश द्वारा सभी प्रतिवादियों जिसमें दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात ,कार्यालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण धरोहरभवन नई दिल्ली को नोटिस जारी कर आगामी सुनवाई हेतु तारीख दी गई. वहीआर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट से सर्वे किया जा सकता है.

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