संभल हिंसा में आरोपियों पर कारवाई, अखिलेश यादव ने लगाया प्रशासन पर आरोप

संभल हिंसा

संभल की हिंसा में चार लोगों की मौत पर कांग्रेस ने आक्रोश जताया है। पार्टी पदाधिकारियों ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट परिसर में नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्र ने मांग की है कि वर्ष 1991 में पारित धर्मस्थल विधेयक का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि संभल में सरकारी तंत्र फेल रहा, सरकार जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे।

अखिलेश यादव ने लगाया आरोप
सपा अध्यक्ष ने संभल हिंसा को लेकर ये भी कहा कि दंगा सरकार द्वारा किया गया है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन जामा मस्जिद पर सर्वे के लिए पहुंच गया। रविवार को जब लोगों ने दोबारा सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं।

सदर जफर अली को कस्टडी में लिया

यूपी पुलिस ने संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली को कस्टडी में लिया है। जफर अली ने कुछ देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताया। कहा कि SDM ने मस्जिद की हौज का पानी खाली करवाया। इससे लोगों में अफवाह फैली कि मस्जिद में खुदाई हो रही है और फिर ये हिंसा हुई।

सपा को न्यायपालिका पर है आशंका

ब्रजेश पाठकउपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संभल की घटना के संदर्भ में समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि उसका न्यायपालिका में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि एएसआइ की टीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वेक्षण करने गई थी। सपा को न तो निर्वाचन आयोग पर भरोसा है और न ही संवैधानिक संस्थाओं पर। संभल के घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि उसे न्यायपालिका पर भी विश्वास नहीं है।

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