अब समुद्र और अंतरिक्ष भी युद्ध के मैदान से कम नहीं, वैश्विक शांति के लिए संस्थाओं में जरूरी है बदलाव।

समुद्र और अंतरिक्ष भी युद्ध

न्यूयॉर्क: UNGA (संयुक्त राष्ट्र महासभा) जो यू एन में स्थित है, उसकी समिट फॉर फ्यूचर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रस्ताव में कहा, “वैश्विक शांति और विकास के लियेंगलोबल संस्थाओं में बदलाव लिए बेहद जरूरी है, भारत के 250 मिलियन से ज्यादा लोगो को हमने गरीबी रेखा से बाहर निकाल कर दिखाया है”।

चार मिनट की स्पीच में किया लोगो को आकर्षित

UNGA की महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार और वैश्विक शांति जैसे महामुद्दो को लेकर भारत का पक्ष लिया, उन्होंने कहा, “एक तरफ आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है, दूसरी तरफ समुद्र और अंतरिक्ष भी जंग के मैदान बन रहे हैं. लेकिन मानवता की सफलता जंग के मैदान में नहीं, बल्कि आपस में मिलकर काम करने में है.”

ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच सबसे पहले जरूरी
PM मोदी ने बताया, “विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर से 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से आप सभी को नमस्कार. जून में अभी अभी मावन इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का असवर दिया. आज मैं मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं. जब हम ग्लोबल फ्यूचर की बात कर रहे हैं, तो ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच सबसे पहले होनी चाहिए. सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देते हुए हमें मावन कल्याण, खाना, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी…”

PM मोदी ने कहा, “भारत ग्लोबल भलाई के लिए अपना डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से शेयर करने को तैयार है. भारत के लिए वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर एक कमिटमेंट है.” इस दौरान PM मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का दावा भी ठोक दिया.

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करेगा भारत।

PM मोदी ने कहा, “वैश्विक भलाई के लिए भारत अपना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से शेयर करने को तैयार है. भारत के लिए वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर एक कमिटमेंट है. यही कमिटमेंट हमारे वन अर्थ, वन हेल्थ, वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रीड जैसे इनीशिएटिब्स में भी दिखाई देता है.”

क्यों है बैलेंस रेगुलेशन की जरूरत।

प्रधानमंत्री ने कहा, “टेक्नोलॉजी के रेस्पॉन्सिबल यूज के लिए बैलेंस रेगुलेशन की जरूरत है. हमें ऐसी ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस चाहिए, जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता बनी रहे. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्टर को एक बाधा या रुकावट नहीं, बल्कि इसे एक पुल की तरह होना चाहिए.”

वैश्विक शांति के लिए खतरा है आतंकवाद|

पीएम मोदी का कहना है, की अफ्रीकी यूनियन को नई दिल्ली समिट में हुए G-20 की स्थायी सदस्यता देना इसी दिशा में उठाया गया एक अहम कदम था. वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है. दूसरी तरफ साइबर, मैरीटाइम, स्पेस जैसे कई संघर्ष के नए-नए मैदान भी बन रहे हैं. इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि Global action must match global ambition.”

क्या हैं समिट फिर फ्यूचर का मकसद?

समिट फॉर फ्यूचर’ का मकसद है की कैसे धरती पर फ्यूचर में आने वाले खतरों को पहले ही रोक दिया जाए, 2015 में UN ने दुनिया के खतरों को पहचानते हुए 17 गोल वर्ल्ड लीडर्स के सामने रखे थे. लगभग 10 साल पूरे होने को हैं इनमें से सिर्फ 17% गोल ही अचीव हो पाए हैं. 1970 से 2021 के बीच क्लाइमेट चेंज की वजह से 11,778 आपदाओं में 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इस समिट में ग्लोबल पीस, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, क्लाइमेट चेंज, मानवाधिकार और जेंडर जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई
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