नई दिल्ली: पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में भारत के पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार ने पुरुष सिंगल्स SL3 इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गर्व का एक और अवसर दिया। 29 वर्षीय नितेश ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेटेल को 21-14, 18-21, 23-21 के संघर्षपूर्ण मुकाबले में मात दी।
शुरुआत से संघर्ष
मुकाबला बेहद कठिन था, लेकिन नितेश ने अपनी धैर्यशीलता और कुशलता से विरोधी को हराया। SL3 श्रेणी के खिलाड़ियों के लिए यह प्रतियोगिता अधिक चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि इसमें गंभीर निचले अंग विकलांगता वाले खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं।
एक प्रेरणादायक यात्रा
नितेश की इस सफलता की कहानी उतनी ही प्रेरणादायक है जितनी उनकी मेहनत। 15 साल की उम्र में ट्रेन हादसे में अपना एक पैर गंवाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए पैरा-बैडमिंटन का रास्ता चुना।
भारत के लिए गौरव का क्षण
यह जीत न केवल नितेश के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह देश के लिए इस पैरालंपिक का दूसरा स्वर्ण पदक है, जो भारत की खेल प्रतिभा और नितेश की अथक मेहनत का प्रतीक है।
नितेश कुमार की यह जीत हर भारतीय के लिए प्रेरणा है और दिखाती है कि असली ताकत हमारी हिम्मत और मेहनत में होती है। उनका स्वर्ण पदक देश की शान को और ऊंचा करता है, और यह साबित करता है कि भारतीय पैरा-एथलीट्स किसी से कम नहीं हैं।
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